22 साल से पंजाब में कांग्रेस को खींच रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह अब सूबे में पार्टी की जड़ें हिलाने की तैयारी में हैं। कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर अपने तीखे तेवर से अवगत करवा दिया है। फिलहाल कैप्टन भाजपा में शामिल नहीं होंगे लेकिन सूबे में कांग्रेस के नाराज वरिष्ठ नेताओं का एक बड़ा गुट तैयार कर हाईकमान और सूबे की कांग्रेस को जमीन पर गिरा सकते हैं। कैप्टन की जहां अफसरशाही में खासी पकड़ थी तो वहीं सरकार के साथ-साथ उन्होंने संगठन पर भी अपना कब्जा बरकरार रखा था। कैप्टन के निकटवर्ती नेता अब सूबे में उन वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधने में लगे हैं, जिनको दरकिनार किया जा रहा है। राजिंदर कौर भट्ठल के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब कांग्रेस की कमान संभाली थी तो पार्टी जमीन पर थी।1997 में कांग्रेस के सिर्फ 14 विधायक जीते थे और भाजपा-अकाली दल का बोलबाला था।
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