मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर निशाना साधा। कमलनाथ ने लगातार सात ट्वीट किए और कोरोना प्रतिबंधों में ढील दिए जाने को लेकर राज्य सरकार की खिंचाई की।

मध्यप्रदेश में पूर्व सीएम कमलनाथ ने लगातार सात ट्वीट करके प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने जब 17 नवंबर को कोरोना को लेकर लागू तमाम प्रतिबंधों को हटाने का एकाएक निर्णय लिया था, स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया था, आयोजनों को छूट प्रदान करने का निर्णय लिया था, तभी मैंने विरोध किया था और मैंने उसी दिन कहा था कि सरकार को एकदम से तमाम प्रतिबंध हटाने की बजाय, धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों को शिथिल करते हुए छूट प्रदान करना थी क्योंकि अभी खतरा टला नहीं है।

कांग्रेस नेता ने ट्वीट में लिखा कि तीसरी लहर और नए वेरिएंट की आशंका और खतरा अभी भी सर पर है।18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, कई पात्र लोगों का अभी तक वैक्सीनेशन होना बाकी है। मैंने सवाल भी उठाए थे कि क्या सरकार ने इस निर्णय लेने के पूर्व कोरोना गाइडलाइन के पालन की संपूर्ण व्यवस्था कर ली है? ऐसा लग रहा था कि सरकार ने यह निर्णय लेकर जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है और सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।

उन्होंने आगे एक ट्वीट में लिखा कि मैंने यह भी कहा था कि सरकार के इस निर्णय के बाद यदि संक्रमण बढ़ता है, जनहानि होती है तो क्या सरकार उसकी जिम्मेदारी लेगी? स्कूलों को पूरा खोलने का निर्णय भी ठीक नहीं था आखिर सरकार को कई दिन बाद समझ आई और स्कूलों को लेकर निर्णय लिया गया है कि स्कूल 50 फीसदी क्षमता से खुलेंगे, ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन पढ़ाई भी होगी, माता- पिता की सहमति जरूरी होगी। 

कमलनाथ ने ट्वीट में कहा कि जिस तरह से कोरोना के नए वेरिएंट के मामले विश्व भर में सामने आ रहे हैं, तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है, कोरना के नए केस वापस सामने आना शुरू हो गए हैं, सरकार को तत्काल सभी आवश्यक कड़े कदम उठाना चाहिए, स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की जाना चाहिए, सभी आवश्यक इंतजाम किए जाना चाहिए, कोरोना की गाइडलाइन के पालन को लेकर सभी कदम उठाये जाना चाहिए।

दरअसल, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में 16 लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद मंगलवार को ही आनन-फानन में आपात बैठक बुलाई थी। इसमें मंत्री विश्वास सारंग, प्रभुराम चौधरी सहित सीएस और अन्य फसर मौजूद रहे। इसके बाद भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए। 

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, भोपाल में अब बिना मास्क दिखाई देने पर 100 रुपये की जगह 500 रुपये का जुर्माना लगेगा। बिना दोनों डोज लगे कर्मचारी मिलने पर संस्था पर कार्रवाई की जाएगी। कोरोना संक्रमित मिलने पर होम आइसोलेशन नहीं किया जाएगा। उन्हें काटजू अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। शादी समारोह और अन्य आयोजन को लेकर भी गाइडलाइन जारी हो सकती है।



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By attkley

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