एजेंसी, काबुल
Published by: Kuldeep Singh
Updated Wed, 01 Dec 2021 02:27 AM IST
सार
तालिबान लड़ाकों ने सत्ता मिलने के बाद अबतक 100 से अधिक पूर्व पुलिस और खुफिया अधिकारियों को या तो क्रूरतापूर्वक मार डाला है या जबरन गायब कर दिया है। मानवाधिकार निगरानी समूह ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही।
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विस्तार
मानवाधिकार निगरानी समूह की रिपोर्ट में किया गया 100 से ज्यादा लोगों का जिक्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने सरकारी रोजगार रिकॉर्ड का उपयोग करते हुए पूर्व अधिकारियों और आत्मसमर्पण करने वालों को निशाना बनाया है। कुछ मामलों में, स्थानीय तालिबान कमांडरों ने लक्षित किए जाने वाले लोगों की सूची यह कहते हुए तैयार की है कि उन्होंने अक्षम्य कृत्य किए हैं। मानवाधिकार निगरानी समूह ने रिपोर्ट में कहा कि हत्याओं के स्वरूप से पूरे अफगानिस्तान में आतंक उत्पन्न हो गया है। देश में पूर्व सरकार से जुड़ा कोई भी शख्स इन दिनों खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने पूर्वी नांगरहार प्रांत में इस्लामिक स्टेट समूह का समर्थन करने वाले लोगों को भी निशाना बनाया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रांत की राजधानी जलालाबाद में मंगलवार को उस समय आठ घंटे तक भीषण गोलीबारी हुई जब तालिबान ने आईएस आतंकवादियों के एक संदिग्ध ठिकाने पर धावा बोल दिया।
15 अगस्त से 31 अक्तूबर के बीच हुआ दस्तावेजीकरण
मानवाधिकार निगरानी समूह ने गवाहों, रिश्तेदारों, पूर्व सरकारी अधिकारियों, तालिबान अधिकारियों और अन्य लोगों के साक्षात्कार के माध्यम से कहा कि उसने 15 अगस्त और 31 अक्तूबर के बीच चार प्रांतों में 47 पूर्व सशस्त्र बलों के सदस्यों की हत्याओं या गायब होने का दस्तावेजीकरण किया है। उसने कहा कि इसके शोध से संकेत मिलता है कि कम से कम 53 अन्य हत्याओं एवं लोगों के गायब होने के मामले भी हैं।
काबुल में सियासी हालात ठीक करने के लिए अमेरिका को पाक-नाटो से मदद की उम्मीद
अफगानिस्तान में नाजुक सियासी हालात को ठीक करने के लिए अमेरिका को पाकिस्तान और नाटो देशों के साथ गठबंधन की उम्मीद है। इसमें तालिबान सरकार के साथ बातचीत दोबारा शुरू करना भी शामिल है। एशिया टाइम्स में लिखे एमके भद्रकुमार के लेख के मुताबिक, यह प्रयास एक बार फिर अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सहयोग बढ़ाने का है। उन्होंने कहा, हाल ही में ब्रुसेल्स में इसे लेकर गतिविधियां तेज हुई हैं।
अफगानिस्तान को भारतीय मदद पर पाक से जद्दोजहद जारी
अफगानिस्तान में मानवीय आधार पर भारतीय गेहूं की खेप पहुंचाने के तौर-तरीकों को लेकर इस्लामाबाद और नई दिल्ली में जद्दोजहद जारी हैं। दोनों देश साझा रणनीति के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा है कि इस मानवीय मदद के लिए मंथन जारी है। भारतीय मदद पर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को गेहूं भेजने के लिए रास्ता देना तो स्वीकार कर लिया है लेकिन उसने इस काम के लिए पाकिस्तानी ट्रकों से परिवहन का प्रस्ताव रखा है। आवाजाही का शुल्क भारत सरकार को तय करना है। जबकि भारत ने तौर-तरीकों पर आपत्ति जताते हुए पाक द्वारा शर्त जोड़ने को गलत बताया है।