1 जनवरी से जोमैटो और स्विगी जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप से खाना मंगवाने पर कंपनियों को 5 फीसदी जीएसटी भुगतान करना होगा। यह टैक्स ग्राहकों से नहीं बल्कि एप कंपनियों से वसूला जाएगा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष बोझ ग्राहकों पर ही पड़ेगा।
नए साल से वित्तीय लेनदेन के आठ नियमों में बदलाव हो रहा है। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। 1 जनवरी, 2022 से एटीएम और डाकघर से पैसे निकालना महंगा हो जाएगा तो कारों के दाम भी बढ़ेंगे।
एटीएम से निकासी महंगी
1 जनवरी से निशुल्क एटीएम लेनदेन की सीमा खत्म होने पर किए जाने वाले हर ट्रांजेक्शन पर ग्राहकों को 21 रुपये के साथ जीएसटी देना होगा। अभी तक शुल्क 20 रुपये था। ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से हर महीने 5 निशुल्क लेनदेन कर सकेंगे। मेट्रो शहरों में अन्य बैंकों के एटीएम से तीन निशुल्क लेनदेन कर सकेंगे।
डाकघर में 10,000 से ज्यादा जमा पर शुल्क
डाकघर के बेसिक जमा खाते से एक महीने में चार बार से ज्यादा निकासी पर प्रति निकासी न्यूनतम 25 रुपये देने होंगे। जमा-चालू खाते से हर महीने 25,000 रुपये तक निकाल सकेंगे। इन खातों में हर माह 10,000 रुपये से ज्यादा जमा/निकासी पर न्यूनतम 25 रुपये शुल्क देना होगा।
बिना नोटिस वसूली
1 जनवरी से जीएसटी के अधिकारी गलत रिटर्न भरने वाले कारोबारियों से वसूली के लिए अब सीधे कदम उठा सकेंगे। इसके लिए पहले से नोटिस देना जरूरी नहीं होगा। कारोबारी ने किसी महीने जीएसटीआर-3बी फॉर्म नहीं भरा है तो वह अगले महीने का जीएसटीआर-1फॉर्म नहीं भर सकेगा।
महंगी होंगी कारें
देश की 10 वाहन कंपनियां नए साल में अपनी कारों के अलग-अलग मॉडल की कीमतें बढ़ाने जा रही हैं। मारुति, फॉक्सवोगन और वॉल्वो की कारें 1 जनवरी, 2022 से महंगी हो जाएंगी। टाटा मोटर्स, टोयोटा, होंडा कार्स ने भी कीमतों में इजाफा करने की घोषणा की है।
ऑनलाइन खाना मंगाना महंगा
1 जनवरी से जोमैटो और स्विगी जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप से खाना मंगवाने पर कंपनियों को 5 फीसदी जीएसटी भुगतान करना होगा। यह टैक्स ग्राहकों से नहीं बल्कि एप कंपनियों से वसूला जाएगा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष बोझ ग्राहकों पर ही पड़ेगा। ऑनलाइन ऑटो बुकिंग पर जीएसटी एप आधारित कैब सेवा प्रदाता के माध्यम से बुक किए गए ऑटो के किराये पर भी 5% जीएसटी लगेगा। ऑफलाइन माध्यम से बुकिंग पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
लॉकर में छेड़छाड़ पर बैंक होंगे जिम्मेदार
लॉकर से छेड़छाड़ के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे। कर्मचारी की धोखाधड़ी, आग लगने या चोरी पर बैंक लॉकर के मौजूदा सालाना किराये का 100 गुना तक भुगतान ग्राहक को करेगा। नियम प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान पर लागू नहीं है। आरबीआई ने सुरक्षित डिपॉजिट लॉकर के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया है।