गुरेज सेक्टर में मिला हथियारों का जखीरा
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उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज से सात एके-47 राइफल समेत हथियारों का जखीरा बरामद करने में शुक्रवार को सुरक्षा बलों को सफलता मिली है। बरामद किए गए हथियारों में 7 एके-47 राइफल, 21 एके मैगजीन, 1190 गोलियां, 2 चीन निर्मित पिस्तौल, 132 पिस्तौल की गोलियां, 13 ग्रेनेड के अलावा अन्य हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ है।

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 27 सितंबर को खुफिया जानकारी के आधार पर गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नौशेरा नाड़ के साथ तलाशी अभियान शुरू किया गया।

तीन दिनों के बाद एलओसी के बहुत करीब वीरवार को नाले के किनारे एक ठिकाना मिला। ठिकाने की खोदाई करने पर वहां से हथियारों का जखीरा बरामद किया गया। नियंत्रण रेखा के पास इस बड़े हथियारों के जखीरे से कश्मीर घाटी में हिंसा को बढ़ावा देने की साजिश कर रहे आतंकवादी समूहों को एक बड़ा झटका दिया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की ओर से युद्ध जैसी तैयारी वाले इन हथियारों को संभवत: नियंत्रण रेखा पर गिरा दिया गया था जिसे सीमा के इस तरफ लोगों ने उठाकर छिपा दिया था।

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर में दिखा ड्रोन, तलाशी अभियान

उधमपुर में दो बम धमाकों के बाद भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर सेक्टर में ड्रोन गतिविधि देखी गई है। पाकिस्तान की तरफ से वीरवार देेर रात ड्रोन दिखाई देने पर सुरक्षा बलों ने शुक्रवार सुबह व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन इसमें कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया। 

सीमा से सटे ढल्ली गांव में वीरवार रात करीब 10 बजे गांव के कुछ लोगों ने ड्रोन गतिविधि देखी। लोगों की ओर से पुलिस को सूचित किए जाने पर पुलिस और सेना ने देर रात तक इलाके में तलाशी अभियान चलाया। सुबह पांच बजे सेना, बीएसएफ, एसओजी, सीआरपीएफ और पुलिस ने संयुक्त तौर पर तलाशी अभियान शुरू किया।

दो घंटे तक चले इस अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने सुल्तानपुर, हंदे चक और ढल्ली के आसपास के नालों और जंगलों को बारीकी से खंगाला, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इससे पहले भी इस क्षेत्र के आसपास कई बार ड्रोन गतिविधि देखी गई है। एनआईए की जांच में भी खुलासा हो चुका है कि इस इलाके में नियमित ड्रोन पाकिस्तान की ओर से भेजे जा रहे हैं। 

विस्तार

उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज से सात एके-47 राइफल समेत हथियारों का जखीरा बरामद करने में शुक्रवार को सुरक्षा बलों को सफलता मिली है। बरामद किए गए हथियारों में 7 एके-47 राइफल, 21 एके मैगजीन, 1190 गोलियां, 2 चीन निर्मित पिस्तौल, 132 पिस्तौल की गोलियां, 13 ग्रेनेड के अलावा अन्य हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ है।

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 27 सितंबर को खुफिया जानकारी के आधार पर गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नौशेरा नाड़ के साथ तलाशी अभियान शुरू किया गया।

तीन दिनों के बाद एलओसी के बहुत करीब वीरवार को नाले के किनारे एक ठिकाना मिला। ठिकाने की खोदाई करने पर वहां से हथियारों का जखीरा बरामद किया गया। नियंत्रण रेखा के पास इस बड़े हथियारों के जखीरे से कश्मीर घाटी में हिंसा को बढ़ावा देने की साजिश कर रहे आतंकवादी समूहों को एक बड़ा झटका दिया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की ओर से युद्ध जैसी तैयारी वाले इन हथियारों को संभवत: नियंत्रण रेखा पर गिरा दिया गया था जिसे सीमा के इस तरफ लोगों ने उठाकर छिपा दिया था।

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर में दिखा ड्रोन, तलाशी अभियान

उधमपुर में दो बम धमाकों के बाद भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर सेक्टर में ड्रोन गतिविधि देखी गई है। पाकिस्तान की तरफ से वीरवार देेर रात ड्रोन दिखाई देने पर सुरक्षा बलों ने शुक्रवार सुबह व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन इसमें कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया। 

सीमा से सटे ढल्ली गांव में वीरवार रात करीब 10 बजे गांव के कुछ लोगों ने ड्रोन गतिविधि देखी। लोगों की ओर से पुलिस को सूचित किए जाने पर पुलिस और सेना ने देर रात तक इलाके में तलाशी अभियान चलाया। सुबह पांच बजे सेना, बीएसएफ, एसओजी, सीआरपीएफ और पुलिस ने संयुक्त तौर पर तलाशी अभियान शुरू किया।

दो घंटे तक चले इस अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने सुल्तानपुर, हंदे चक और ढल्ली के आसपास के नालों और जंगलों को बारीकी से खंगाला, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इससे पहले भी इस क्षेत्र के आसपास कई बार ड्रोन गतिविधि देखी गई है। एनआईए की जांच में भी खुलासा हो चुका है कि इस इलाके में नियमित ड्रोन पाकिस्तान की ओर से भेजे जा रहे हैं। 





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By attkley

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